Bihar Board Matric VVI Question
मेरे बिना तुम प्रभु – रेनर मारिया रिल्के
(1) जब मेरा अस्तित्व ना रहेगा प्रभु तब तुम क्या करोगे जब मैं तुम्हारा जलपाठ टूट कर बिखर जाऊंगा जब मैं तुम्हारी मतीरा सुख जाऊंगा यह सब दिन हो जाऊंगा मैं तुम्हारा देश हूं भेज दूं तुम्हारी दीदी हूं मुझसे खोकर तुम अपना अर्थ हो गए होगे मेरे बिना तुम गृह इन निर्वाचित हो गए मैं तुम्हारी पादुका हूं?
मेरे बिना तुम प्रभु – रेनर मारिया रिल्के बिहार बोर्ड क्लास 10TH हिंदी साहित्य
भक्तों का जाना रहेगा तुम क्या करोगी मैं तुम्हारे बिना मर जाऊंगा तो अब क्या करोगे मैं तुम्हारा हूं मैं तुम्हारी हूं मगर इस बार भक्तों को खो देगा तो भगवान भी माफ हो जाएगा मेरे बिना इस बार निर्वाचित हो जाएगा स्वागत करने वाला नहीं रहेगा मैं तुम्हारा हूं मेरे बिन आपके पैर पड़ जाएगा आप लहूलुहान होकर उधर उधर भटक जाएंगे|
(2) कवि ने अपने जलपा और मदिरा क्यों कहता है?
जैसा जल पात्र के बिना जग बिखर जाता है अथवा प्याला का मदिरा सूख जाए तो प्याला स्थिति तोहीन हो जाएगा उसी प्रकार भक्तों के बिना भगवान बिखर जाते हैं यहां पर जल पात्र और मदिरा का प्रयोग भारत के लिए हुआ है कभी भी भगवान का भक्त हैं तभी भी भगवान का भक्त है अतः अपने को जल पात्र और मदिरा कहा जाता है कहते हैं |
मेरे बिना तुम प्रभु – रेनर मारिया रिल्के बिहार बोर्ड क्लास 10TH हिंदी साहित्य
(3) आंसांय से नवादा गिर जाएगा और क्यों ?
भगवान का आधार भक्त होता है किस पर की वृद्धि भी भक्त जैसी ही होती है अगर ईश्वर भक्तों को खो देता है तब भगवान का अर्थ कुछ रहेगा नहीं यह धरती प |
(4) चाबी किस को कैसे सुख देता था ?
ईश्वर को कृपा दृष्टि को सामने कपूर रुपिंदर साया पर विश्राम देकर तथा दूर चट्टानों की ठंडी गोद में सूर्यास्त के रंगों में ढूंढने का सुख देता था |
(5) कविता किसके द्वारा किस संबोधित किसे संबोधित है?
कविता के कवि के द्वारा भगवान को संबोधित है मानस उससे है कभी महान स्थित हैं भगवान पर उसे पूरा विश्वास है कि विभाग से अलग नहीं हैं|
मेरे बिना तुम प्रभु – रेनर मारिया रिल्के बिहार बोर्ड क्लास 10TH हिंदी साहित्य
(6) कविता के आधार पर भारत और भगवान के बीच के संबंध पर प्रकाश डालिए?
भक्त और भगवान के बीच अनुच्छेद सेवन है दोनों दूसरे के पूरक हैं जैसा और जल पात्र एक सवाल कर मिलता है उसी तरह मनुष्य और भगवान एक साथ मिलते हैं प्यार और मदिरा का स्वांग है कि एक साथ मिलकर ही रहना भारत के उदाहरण से सामना करवाते हैं |
(7) कवि को किस बात की आशंका है ?
कवि कोई इस बात की आशंका है कि होगा भारत के बिना क्या कर पाएंगे क्योंकि भारत के बिना इस पर विश्वास जितेंद्र स्वागत बिना खुश नहीं हो जाते हैं विभाग के बिना कहां और क्या कर सकते हैं और कुछ भी नहीं कर पा सकते हैं बिना भक्तों के भगवान के अस्तित्व है जो भक्त और भगवान मिलकर एक समान हो जाता है |